Jokes Status
1. अब सबसे ज्यादा परेशान तो “कान” हैं
पहले से ही चश्मे की डंडी, फिर ईयरफोन
की घुंडी और अब मास्क की डोरियां
कान है कि हैंगर .
2. लॉक डाउन सबको स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए हुआ है,
हलवाई बनाने के लिए नहीं।।
३. आगामी दिनों में विवाहिक पत्रिका ऐसी होगी ,
भेज रहे हैं स्नेह निमंत्रण, प्रियवर तुम्हे दिखने को,
हे मानस के राजहंस, आ मत जाना खाने को..
पहले से ही चश्मे की डंडी, फिर ईयरफोन
की घुंडी और अब मास्क की डोरियां
कान है कि हैंगर .
2. लॉक डाउन सबको स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए हुआ है,
हलवाई बनाने के लिए नहीं।।
३. आगामी दिनों में विवाहिक पत्रिका ऐसी होगी ,
भेज रहे हैं स्नेह निमंत्रण, प्रियवर तुम्हे दिखने को,
हे मानस के राजहंस, आ मत जाना खाने को..
सिलसिला आज भी वही जारी है,
तेरी याद, मेरी नींदों पर भारी है।
तेरी याद, मेरी नींदों पर भारी है।
हसीना से मिलें नजरें अट्रैक्शन हो भी सकता है,
चढ़े फीवर मोहब्बत का तो एक्शन हो भी सकता है,
हसीनों को मुसीबत तुम समझ कर दूर ही रहना,
ये अंग्रेजी दवाएं हैं रिएक्शन हो भी सकता है।
चढ़े फीवर मोहब्बत का तो एक्शन हो भी सकता है,
हसीनों को मुसीबत तुम समझ कर दूर ही रहना,
ये अंग्रेजी दवाएं हैं रिएक्शन हो भी सकता है।
इस कदर उधार ले-ले कर खाया है हमने...
कि दुकानदार भी हमारी ज़िन्दगी की दुआ करते हैं!
कि दुकानदार भी हमारी ज़िन्दगी की दुआ करते हैं!
ऐसी अपनी वाईफ हो,
जींस जिसकी टाईट हो,
चेहरा जिसका व्हाईट हो,
बालों में स्टाईल हो,
होंठों पर स्माइल हो,
इंडिया कि पैदाईश हो,
सास की सेवा जिसकी ख्वाहिश हो,
ऐसी अपनी वाईफ हो,
तो क्या हसीन लाईफ हो।
जींस जिसकी टाईट हो,
चेहरा जिसका व्हाईट हो,
बालों में स्टाईल हो,
होंठों पर स्माइल हो,
इंडिया कि पैदाईश हो,
सास की सेवा जिसकी ख्वाहिश हो,
ऐसी अपनी वाईफ हो,
तो क्या हसीन लाईफ हो।
आँखो से आँखे मिलाकर तो देखो,
एक बार हमारे पास आकर तो देखो,
मिलना चाहेंगे सब लोग तुमसे,
एक बार मेरे दोस्त साबुन से नहाकर तो देखो।
एक बार हमारे पास आकर तो देखो,
मिलना चाहेंगे सब लोग तुमसे,
एक बार मेरे दोस्त साबुन से नहाकर तो देखो।
ना तलवार की धार से
ना गोलियों की बौछार से,
बंदा डरता है तो सिर्फ
अपने बाप की मार से।
ना गोलियों की बौछार से,
बंदा डरता है तो सिर्फ
अपने बाप की मार से।
नज़रें मिली तो बेख्याल हो गए,
नज़रें झुकी तो सवाल हो गए,
और इतना घुमाया उसे प्यार में,
शॉपिंग कराते कराते कंगाल हो गए!
नज़रें झुकी तो सवाल हो गए,
और इतना घुमाया उसे प्यार में,
शॉपिंग कराते कराते कंगाल हो गए!
प्यार मोहब्बत तो सब धोखा है,
पढ़ाई कर लो बेटा अभी मौका है।
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न वक्त इतना है कि सिलेबस पूरा किया जाए,
न तरकीब कोई कि एग्जाम पास किया जाए,
न जाने कौन सा दर्द दिया है इस पढ़ाई ने,
न रोया जाए और न सोया जाए।
पढ़ाई कर लो बेटा अभी मौका है।
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न वक्त इतना है कि सिलेबस पूरा किया जाए,
न तरकीब कोई कि एग्जाम पास किया जाए,
न जाने कौन सा दर्द दिया है इस पढ़ाई ने,
न रोया जाए और न सोया जाए।
अर्ज़ किया है...
कि बहार आने से पहले खिज़ां आ गई,
और फूल खिलने से पहले बकरी खा गई।
कि बहार आने से पहले खिज़ां आ गई,
और फूल खिलने से पहले बकरी खा गई।
हम तनहा ही चले थे
ज़िंदगी का दही जमाने,
बूंदियां मिलती गयीं...
रायता बनता गया।
ज़िंदगी का दही जमाने,
बूंदियां मिलती गयीं...
रायता बनता गया।
कभी मुर्गा तो कभी बत्तख बना देता है,
पता नहीं ये मास्टर मुझसे किस बात का बदला लेता है।
पता नहीं ये मास्टर मुझसे किस बात का बदला लेता है।
तुम्हें क्या पता गम क्या होता है,
तुम्हें क्या पता गम किसे कहते हैं,
तुम्हें क्या पता गम क्या चीज है,
क्यूंकि...
तुमने तो हमेशा थूक से चिपकाया है!
तुम्हें क्या पता गम किसे कहते हैं,
तुम्हें क्या पता गम क्या चीज है,
क्यूंकि...
तुमने तो हमेशा थूक से चिपकाया है!
नींद आती है तो एक ख्वाब आता है,
ख्वाब में इक लड़की आती है,
और पीछे उसका बाप आता है,
फिर क्या...
फिर न नींद आती है न ख्वाब आता है।
ख्वाब में इक लड़की आती है,
और पीछे उसका बाप आता है,
फिर क्या...
फिर न नींद आती है न ख्वाब आता है।
जिनके घर शीशे के होते हैं... वो तो...
कहीं पर भी बैठ कर दाढ़ी बना लेते हैं।
कहीं पर भी बैठ कर दाढ़ी बना लेते हैं।
मेरे प्यार को बेवफाई का इनाम दे गई,
मेरे दिल को अपनी यादों का पैगाम दे गई,
मैंने कहा मेरे दिल में दर्द है तेरे बिना,
तो वो जाते-जाते "झंडूबाम" दे गई।
मेरे दिल को अपनी यादों का पैगाम दे गई,
मैंने कहा मेरे दिल में दर्द है तेरे बिना,
तो वो जाते-जाते "झंडूबाम" दे गई।
1. अब सबसे ज्यादा परेशान तो “कान” हैं
पहले से ही चश्मे की डंडी, फिर ईयरफोन
की घुंडी और अब मास्क की डोरियां
कान है कि हैंगर .
2. लॉक डाउन सबको स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए हुआ है,
हलवाई बनाने के लिए नहीं।।
३. आगामी दिनों में विवाहिक पत्रिका ऐसी होगी ,
भेज रहे हैं स्नेह निमंत्रण, प्रियवर तुम्हे दिखने को,
हे मानस के राजहंस, आ मत जाना खाने को..
पहले से ही चश्मे की डंडी, फिर ईयरफोन
की घुंडी और अब मास्क की डोरियां
कान है कि हैंगर .
2. लॉक डाउन सबको स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए हुआ है,
हलवाई बनाने के लिए नहीं।।
३. आगामी दिनों में विवाहिक पत्रिका ऐसी होगी ,
भेज रहे हैं स्नेह निमंत्रण, प्रियवर तुम्हे दिखने को,
हे मानस के राजहंस, आ मत जाना खाने को..