Gazels Status

मेरी ये जिद नहीं मेरे गले का हार हो जाओ

मेरी ये जिद नहीं मेरे गले का हार हो जाओ,

अकेला छोड़ देना तुम जहाँ बेज़ार हो जाओ।

 

बहुत जल्दी समझ में आने लगते हो ज़माने को,

बहुत आसान हो थोड़े बहुत दुश्वार हो जाओ।

 

मुलाकातों के वफ़ा होना इस लिए जरूरी है,

कि तुम एक दिन जुदाई के लिए तैयार हो जाओ।

 

मैं चिलचिलाती धूप के सहरा से आया हूँ,

तुम बस ऐसा करो साया-ए-दीवार हो जाओ।

 

तुम्हारे पास देने के लिए झूठी तसल्ली हो,

न आये ऐसा दिन तुम इस कदर नादार हो जाओ।

 

तुम्हें मालूम हो जायेगा कि कैसे रंज सहते हैं,

मेरी इतनी दुआ है कि तुम फनकार हो जाओ।

Meree Ye Jid Nahin Mere Gale Ka Haar Ho Jao,

Akela Chhod Dena Tum Jahaan Bezaar Ho Jao.

 

Bahut Jaldee Samajh Mein Aane Lagate Ho Zamaane Ko,

Bahut Aasaan Ho Thode Bahut Dushvaar Ho Jao.

 

Mulaakaaton Ke Vafa Hona Is Lie Jarooree Hai,

Ki Tum Ek Din Judaee Ke Lie Taiyaar Ho Jao.

 

Main Chilachilaatee Dhoop Ke Sahara Se Aaya Hoon,

Tum Bas Aisa Karo Saaya-E-Deevaar Ho Jao.

 

Tumhaare Paas Dene Ke Lie Jhoothee Tasallee Ho,

Na Aaye Aisa Din Tum Is Kadar Naadaar Ho Jao.

 

Tumhen Maaloom Ho Jaayega Ki Kaise Ranj Sahate Hain,

Meree Itanee Dua Hai Ki Tum Phanakaar Ho Jao.


फरिश्ते भी अब कहाँ जख्मों का इलाज करते हैं

फरिश्ते भी अब कहाँ जख्मों का इलाज करते हैं,

बस तसल्ली देते है कि अब करते है, आज करते है।

 

उनसे बिछड़कर हमको तो मिल गयी सल्तनत-ए-गजल,

चलो नाम उनके हम भी जमाने के तख्तों-ताज करते है।

 

नए चेहरों में अब पहली सी कशिश कहाँ है बाकी,

अब तो बस पुरानी तस्वीर देखकर ही रियाज करते है।

 

और एक दिन चचा "मीर" ने आकर ख्वाब में हमसे ये कहा,

शायरी करो "रोशन" यहाँ बस शायरों का लिहाज करते है।

बहुत दिन बाद शायद हम मुस्कुराये होंगे

बहुत दिन बाद शायद हम मुस्कुराये होंगे,

वो भी अपने हुस्न पर खूब इतराये होंगे।

 

संभलते-संभलते अब तक ना संभले हम,

सोचो किस तरह उनसे हम टकराये होंगे।

 

महक कोई आई है आँगन में कहीं से उड़कर,

शायद उन्होंने गेसू अपने हवा में लहराये होंगे।

 

पीछे से तपाक से भर लिया बाँहों में उन्हें,

वस्ल के वक्त वो बहुत घबराये होंगे।

 

जब एक-दूसरे से बिछड़े होंगे वो दो पंछी,

बहुत कतराते कतराते पंख उन्होंने फहराये होंगे।

 

जानते हो क्या इस ख़ुश-रू शख्स को,

पहचान कर भी कहना पड़ा नहीं वो कोई पराये होंगे।

मैंने गलती तो नहीं की बता कर तुझको

मैंने गलती तो नहीं की बता कर तुझको,

मेरे दिल के हालात दिखा कर तुझको।

 

मैं भूखा ही रहा कल रात पर खुश था,

अपने हिस्से का खाना खिला कर तुझको।

 

दुनिया की बातों पे ग़ौर ना करना कभी,

मुझसे दूर कर देगा वो बहला कर तुझको।

 

मेरा दिल टूटेगा तो संभल जाऊँगा मैं,

उसका टूटा तो जायेगा सुना कर तुझको।

 

कोई है जो तुम्हें याद करता है बहुत,

रातभर जागता है वो सुला कर तुझको।

 

सोचो तो ज़रा कितनी सच्चाई है उसमें,

गया भी वो तो सच सिखा कर तुझको।

उदासी का ये पत्थर आँसुओं से नम नहीं होता

उदासी का ये पत्थर आँसुओं से नम नहीं होता,

हजारों जुगनुओं से भी अँधेरा कम नहीं होता।

 

बिछड़ते वक़्त कोई बदगुमानी दिल में आ जाती,

उसे भी ग़म नहीं होता मुझे भी ग़म नहीं होता।

 

ये आँसू हैं इन्हें फूलों में शबनम की तरह रखना,

ग़ज़ल एहसास है एहसास का मातम नहीं होता।

 

बहुत से लोग दिल को इस तरह महफूज़ रखते हैं,

कोई बारिश हो ये कागज़ जरा भी नम नहीं होता।

 

कभी बरसात में शादाब बेलें सूख जाती है,

हरे पेड़ों के गिरने का कोई मौसम नहीं होता।

हकीक़त भी यहीं है और है फ़साना भी

हकीक़त भी यहीं है और है फ़साना भी,

मुश्किल है किसी का साथ निभाना भी।

 

यूँ ही नहीं कुछ रिश्ते पाक होते हैं,

पल में रूठ जाना भी पल में मान जाना भी।

 

लिहाज़ नहीं दिखता की हो बेग़ैरत तुम,

लाज़िम है किसी एक वक़्त में शरमाना भी।

 

मोहब्बत हो शहर में इश्क़ हर दिल में हो,

जरूरी है दीवानी भी जरूरी है दीवाना भी।

 

जरा सा सोच-समझ के करना बातें आपस में,

होने लगे हैं आजकल के बच्चे सयाना भी।

 

झूठ और सच बता सकता हूँ तेरे चेहरे से,

आया अब तक नहीं एक राज़ छुपाना भी।

ये जो है हुक्म मेरे पास न आये कोई

ये जो है हुक्म मेरे पास न आये कोई,

इसलिए रूठ रहे हैं कि मनाये कोई।

 

ताक में है निगाह-ए-शौक खुदा खैर करे,

सामने से मेरे बचता हुआ जाए कोई।


हाल अफ़लाक-ओ-ज़मीन का जो बताया भी तो क्या,

बात वो है जो तेरे दिल की बताये कोई।


आपने दाग़ को मुँह भी न लगाया अफसोस,

उसको रखता था कलेजे से लगाये कोई।



हो चुका ऐश का जलसा तो मुझे ख़त भेजा,

आप की तरह से मेहमान बुलाये कोई।

कोई जाता है यहाँ से न कोई आता है

कोई जाता है यहाँ से न कोई आता है,

ये दीया अपने ही अँधेरे में घुट जाता है।

 

सब समझते हैं वही रात की किस्मत होगा,

जो सितारा बुलंदी पर नजर आता है।

 

मैं इसी खोज में बढ़ता ही चला जाता हूँ,

किसका आँचल है जो पर्बतों पर लहराता है।

 

मेरी आँखों में एक बादल का टुकड़ा शायद,

कोई मौसम हो सरे-शाम बरस जाता है।

 

दे तसल्ली कोई तो आँख छलक उठती है,

कोई समझाए तो दिल और भी भर आता है।

मैं तो झोंका हूँ हवाओं का उड़ा ले जाऊंगा

मैं तो झोंका हूँ हवाओं का उड़ा ले जाऊंगा,

जागते रहना तुझे तुझसे चुरा ले जाऊंगा।


हो के कदमों पे निछावर फूल ने बुत से कहा,

ख़ाक में मिलकर भी मैं खुशबू बचा ले जाऊंगा।


कौन सी शय मुझको पहुँचाएगी तेरे शहर,

ये पता तो तब चलेगा जब पता ले जाऊंगा।



कोशिशें मुझको मिटाने की भले हो कामयाब,

मिटते मिटते भी मैं मिटने का मजा ले जाऊंगा।


शोहरतें जिनकी वजह से दोस्त दुश्मन हो गए,

सब यहीं रह जाएँगी मैं साथ क्या ले जाऊंगा।