Friendship Shayari

समुंदर ना हो तो कश्ती​ किस काम कीं

समुंदर ना हो तो कश्ती​ किस काम कीं,
​मजाक​ ना हो तो मस्ती​ किस काम की,
दोस्तों​ के लिए तो कुर्बान है ये ज़िंदगी,
अगर ​दोस्त​ ही ना हो तो फिर ये जिंदगी​ किस काम कीं। ?

Samundar na ho to kasti​ kis kaam ki,
​majak​ na ho to masti​ kis kaam ki,
dosto​ ke liye to kurbaan hai ye zindagi,
agar ​dost​ hi na ho to phir ye zindagi​ kis kaam ki. ?


लगे ना नज़र इस रिश्ते को ज़माने की

लगे ना नज़र इस रिश्ते को ज़माने की,
पड़े ना ज़रूरत कभी एक दूजे को मानने की,
आप ना छोड़ना मेरा साथ वरना,
तमन्ना ना रहेगी फिर दोस्त बनाने की!

याद ऐसा करो की कोई हद न हो

याद ऐसा करो की कोई हद न हो,
भरोसा इतना करना की शक न हो और
इंतेज़ार इतना करो की कोई वक़्त न हो,
दोस्ती ऐसी करो की कभी नफरत न हो! ?

हर खुशी दिल के करीब नहीं होती

हर खुशी दिल के करीब नहीं होती,
ग़मों से जिन्दगी दूर नहीं होती,
ऐ मेरे दोस्त “दोस्ती” संजो कर रखना,
हर किसी को दोस्ती नसीब नहीं होती।

हम दोस्त बनाकर किसी को रुलाते नही

हम दोस्त बनाकर किसी को रुलाते नही
दिल में बसाकर किसी को भुलाते नही
हम तो दोस्त के लिए जान भी दे सकते हैं
पर लोग सोचते हैं की हम दोस्ती निभाते नहीं।

रिश्तों की किताब का कवर है दोस्ती

रिश्तों की किताब का कवर है दोस्ती,
दोस्ती से बनी है हमारी हस्ती,
खून के रिश्तों की बात आप करते हैं,
हमारे लिए तो ज़िन्दगी है आप की दोस्ती।

दोस्ती कोई खोज नहीं होती

दोस्ती कोई खोज नहीं होती,
दोस्ती किसी से हर रोज़ नहीं होती,
अपनी जिंदगी में हमारी मौजूदगी को बेवजह मत समझना,
क्योंकि पलकें आँखों पर कभी बोझ नहीं होती।

एक पहचान हज़ारो “दोस्त” बना देती हैं

एक पहचान हज़ारो “दोस्त” बना देती हैं,
एक मुस्कान हज़ारो गम भुला देती हैं,
ज़िंदगी के सफ़र मे संभाल कर चलना,
एक ग़लती हज़ारो सपने जला कर राख देती है।

फुल?? हो तुम मुरझाना नहीं

फुल?? हो तुम मुरझाना नहीं,
अपने इस दोस्त?? को कभी भुलाना नहीं,
जब तक हम जिन्दा है,
ए दोस्त कभी किसी से घबराना? नहीं। 
दोस्ती का रिश्ता दो अंजानो को जोड देता है,
हर कदम पर जिन्दगी को नया मोड देता है,
सच्चा दोस्त साथ देता है,
तब जब अपना साया भी साथ छोड देता है।
 #फर्क तो अपने-अपने #सोच में है….
वरना #दोस्ती भी मोहब्बत से कम नही होती। ?

हर दूरी मिटानी पड़ती है

हर दूरी मिटानी पड़ती है
हर बात बतानी पड़ती है
लगता है दोस्तों के पास वक़्त ही नहीं है
आज कल.. खुद अपनी याद दिलानी पड़ती है.

ऐ दोस्त ज़िंदगी भर मुझसे दोस्ती निभाना

ऐ दोस्त ज़िंदगी भर मुझसे दोस्ती निभाना,
दिल की कोई भी बात हमसे कभी ना छुपाना,
साथ चलना मेरे तुम दुःख सुख में,
भटक जाऊ में जो कभी सही रास्ता दिखलाना. 

दोस्ती की वजह नहीं होती

दोस्ती की वजह नहीं होती,
दोस्ती सजा नहीं होती,
दोस्ती में होती है ईमानदारी,
दोस्ती में दुनियदारी नहीं होती,
दोस्त जान से प्यारा होता है,
दोस्त से जान प्यारी नहीं होती...