Sad Shayari
Hum Par Jo Gujri Hai
Tum Kya Sun Paaoge,
Nazuk Sa Dil Rakhte Ho
Rone Lag Jaaoge.
ज़िन्दगी भी हो सकती थी,
तुम ज़रा ठहरते,
तो एक शायर की शायरी भी हो सकते थे!
मैं बिखर गया मुझे
समेट तू मुझे धूल
गर्द में यूं ना उड़ा…
तेरे सोहबत की आदत सी थी
बेदिली से यूं ना सता…
मेरी सांस बन के रहेगी तू वादे जो थे यूँ ना भुला…
तुझे चाहना है क़ुसूर अब सरेबाज़ार यूँ इश्क़ ना लुटा…
अब रुलाने की वजह भी तुम
बने......
कैसे रोकूं इस दिल का रोना,
तेरे इश्क़ ने दिया है सुकून इतना,
जाने के बाद तेरे हर पल लगे सुना सुना |
उसे भूलने के लिए बड़ा वक़्त चाहिए।
"इश्क़" हूँ कोई ज़ेवर नहीं जो उतार दोगे तुम।
रूह सी निकलती है इस जिस्म से,
दूर जाने के ख्याल भर से ही,
आ भी जाओ मेरी आँखों के रू-ब-रू अब तुम,
कितना ख्वाबो में तुझे तलाश करूं।
हज़ार रातों में वो एक रात होती है,
निगाह उठाकर जब देखते हैं वो मेरी तरफ,
मेरे लिए वो ही पल पूरी कायनात होती है।