Sad Shayari

मेरे लफ्ज़ लफ़्ज़ में तेरी बात है मेरा

मेरे लफ्ज़ लफ़्ज़ में तेरी बात है मेरा हर्फ हर्फ यूं ना मिटा…
मैं बिखर गया मुझे
समेट तू मुझे धूल
गर्द में यूं ना उड़ा…
तेरे सोहबत की आदत सी थी
बेदिली से यूं ना सता…
मेरी सांस बन के रहेगी तू वादे जो थे यूँ ना भुला…
तुझे चाहना है क़ुसूर अब सरेबाज़ार यूँ इश्क़ ना लुटा…

Mere lafz mein teri baat hai mera harf harf yun na mita…
Main bikhar gya muje samet tu mujhe dhool gard mein yun na uda…
Tere sohbat ki adat si thi bedili se yun na sta…
Meri sans ban ke rahegi tu vaade jo the yun na bhula…
Tujhe chana hai kusur ab sarebazar yun ishq na luta…


तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है

तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,

दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,

तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम,

ने कुछ पल तुझे भुला के देखा है।

दिन खूबसूरत था

दिन खूबसूरत था,
ज़िन्दगी भी हो सकती थी,
तुम ज़रा ठहरते,
तो एक शायर की शायरी भी हो सकते थे!

मुस्कुराने की वजह तुम थे

मुस्कुराने की वजह तुम थे…
अब रुलाने की वजह भी तुम
बने......

जुड़कर टूटना ,टूटकर जुड़ना

जुड़कर टूटना ,टूटकर जुड़ना,
कैसे रोकूं इस दिल का रोना,
तेरे इश्क़ ने दिया है सुकून इतना,
जाने के बाद तेरे हर पल लगे सुना सुना | 

वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई

वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई,
न जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई,
अब हमे तन्हाइयां चुभती है तो क्या हुआ,
कम से कम उसकी सारी तमन्नाएं तो पूरी हो गई।

दिन हुआ है, तो रात भी होगी

दिन हुआ है, तो रात भी होगी,
मत हो उदास, उससे कभी बात भी होगी।
वो प्यार है ही इतना प्यारा,
ज़िंदगी रही तो मुलाकात भी होगी।

सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें

सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें,
किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें,
फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा,
तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें।

हम पर जो गुजरी है

हम पर जो गुजरी है, 
तुम क्या सुन पाओगे,
नाजुक सा दिल रखते हो, 
रोने लग जाओगे।

मुद्दतें बीत गई ख्वाब सुहाना देखे

मुद्दतें बीत गई ख्वाब सुहाना देखे,
जागता रहता है हर नींद में बिस्तर मेरा।

बुला रहा है

बुला रहा है 
कौन मुझको उस तरफ,
मेरे लिए भी क्या कोई उदास बेक़रार है।

जिसके नसीब मे हों

जिसके नसीब मे हों 
ज़माने की ठोकरें,
उस बदनसीब से ना 
सहारों की बात कर।